नागराकाटा में 19 वर्षीया आदिवासी तरूणी की हत्या के बाद विशाल आक्रोश रैली
नागराकाटा में एक 19 वर्षीया आदिवासी तरूणी की कथित बलात्कार और हत्या के बाद नागराकाटा सहित डुवार्स के आदिवासी समाज में ‘भय और आक्रोश’ व्याप्त हो गया है। कल तरूणी की कथित बलात्कार हत्या के विरोध में नागराकाटा में बड़ी संख्या में डुवार्स के विभिन्न जगहों से जमा हुए लोग और नागरिक संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए एक बड़ा आक्रोश रैली निकाला, जिसमें तरूणी के हत्यारे को फांसी देने की मांग की गई। कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कालेज में एक प्रशिक्षु डाक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद इसी तरह की घटना घटित होने के बाद पूरे डुवार्स क्षेत्र में दुष्कर्मियों के विरूद्ध में एक जनभावना ने करवट ली है। गौर तलब है कि इसके पूर्व भी कई आदिवासी लड़कियों पर अतताईयों द्वारा अत्याचार करने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में रबीउल इस्लाम नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार पीड़िता आरोपी व्यक्ति के संपर्क में थी, जो इस जघन्य अपराध का मुख्य संदिग्ध है।
जुलुस में शामिल लोगों ने बताया कि आरोपी राजमिस्त्री का काम करता है, उसकी जान पहचान पीड़िता के साथ थी और आरोपी पीड़िता के घर आता जाता रहता था। घटना के दिन पीड़िता घर में अपनी सहेली से मिलने के लिए बाहर जाने की बात करके निकली थी, लेकिन रात बीत जाने पर भी वह घर नहीं लौटी। दूसरे दिन नागराकाटा के पास की एक नदी से अर्द्धनंगी अवस्था में उसकी मृत देह बरामद हुई। इस घटना से पूरे इलाके में शोक छा गया और तरूणी के साथ हुई जघन्य अत्याचार के लिए लोगों में आक्रोश पनप गया, भारी संख्या में लोग जमा हो गए। परिवार ने पुलिस में मामला दायर करते हुए आरोपी के उपर शक जाहिर किया। जाँच पड़ताल के क्रम में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और जाँच जारी है।
तरूणी की कथित बलात्कार हत्या के विरोध में निकाले गए रैली के बाद आदिवासी नागरिक संगठनों ने नागराकाटा पुलिस को संबोधित अपने एक पिटीशन में घटना की उचित और पेशेवर तरीके से निष्पक्ष जाँच की मांग की है। पुलिस को दिए पिटीशन की प्रति को मीडिया के लिए भी जारी किया गया। जिसमें लिखा हुआ है कि “19 वर्षीय आदिवासी लड़की “दिशा” (पीड़िता की गरिमा की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया गया नाम) की जघन्य हत्या से हम बहुत दुखी, परेशान और आक्रोशित हैं। हम इस क्रूर कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं और पीड़िता और उसके परिवार के न्याय सुनिश्चित करने के लिए आपके कार्यालय से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं। इस घटना ने हमारे समुदाय में खलबली मचा दी है और हम अपने नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं।“
पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि पीड़ित लड़की “दिशा” सुलखापारा, नागराकाटा निवासी रबीउल इस्लाम नामक व्यक्ति के संपर्क में थी, जो इस जघन्य अपराध का मुख्य संदिग्ध है। पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि आरोपी रबीउल इस्लाम ने 2014 में एक अन्य आदिवासी लड़की से शादी की थी, और उसकी पत्नी की अगस्त 2024 में कथित तौर पर आत्महत्या से मृत्यु हो गई। इस घटनाक्रम के पैटर्न से आशंका होती है कि आरोपी आदिवासी समुदायों के लड़कियों का शोषण करता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है। आदिवासी संगठनों ने नागराकाटा कांड को एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत दायर करने और पीड़िता और उनके परिवार के अधिकारों की रक्षा करने की मांग की है। नागरिक संगठन आदिवासी समाज पर हो रहे घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय जनजाति आयोग में भी अपना पिटीशन भेजने की बात कही है।
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