हिल्स बोनस गतिरोध पर ममता बनर्जी का हस्तक्षेप से इंकार
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग हिल्स में चाय बागानों के बोनस गतिरोध में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। बनर्जी ने कलकत्ता से रवाना होने से पहले सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से कहा, “मैं किसी भी हड़ताल का समर्थन नहीं करती। चाय बागानों के श्रमिकों की मांगों के संबंध में श्रम आयुक्त के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक चल रही है। वे (मामले) पर निर्णय लेंगे।” उधर पश्चिम बंगाल के पहाड़ों में स्थित चाय बागानों में 20 प्रतिशत बोनस के लिए 12 घंटे की आम हड़ताल का असर रहा और अधिकतर सार्वजनिक संस्थान बंद रहे।
चाय बागानों के कर्मचारी 20 प्रतिशत बोनस की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रबंधन ने केवल 13 प्रतिशत बोनस देने का प्रस्ताव रखा था, जिससे गतिरोध पैदा हो गया। चाय बागान मालिकों का कहना है कि विभिन्न कारणों से चाय बागान की हालत खास्ता है और वे अधिक बोनस देने में असमर्थ हैं। बोनस के लिए बुलाई गई वार्ता में परिणाम नहीं आने के बाद पहाड़ में 12 घंटे का आम हड़ताल बुलाया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दार्जिलिंग पहाड़ियों के चाय बागानों के श्रमिकों के बोनस मुद्दे में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गतिरोध राजनीतिक अशांति का परिणाम है। ममता बनर्जी ने कहा कि वह किसी भी तरह का बंद का समर्थन नहीं करती। बंगाल में बंद का कोई स्थान नहीं है। यह सिर्फ राजनैतिक रूप से अशांति फैलाने की कोशिश है।
इसी बीच खबर है कि दार्जिलिंग के सिंगताम चाय बागान के मैनेजर और उनका सहायक बागान छोड़ कर चले गए हैं। प्रबंधन के सूत्रों ने प्रेस को बताया कि प्रबंधक और उनके सहायक बोनस आंदोलन के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। चाय बागान के श्रमिक गेट मीटिंग कर रहे हैं और 20 प्रतिशत बोनस की मांग को लेकर 18 सितंबर से सभी पहाड़ी बागानों से तैयार चाय को बागान से बाहर होने वाली आपूर्ति को बंद कर दी गई है।
बोनस के मुद्दे पर सरकारी हस्तक्षेप राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “नहीं, मैं हस्तक्षेप नहीं कर सकती। श्रम आयुक्त उनसे मिलकर इस मामले को सुलझा लेंगे। कुछ लोग इसे राजनीतिक रूप से बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। तराई और डुआर्स का मामला सुलझ गया है। मुझे उम्मीद है कि हिल्स का मामला भी सुलझ जाएगा।” उधर 20 प्रतिशत बोनस की मांग पर पहाड़ 8 श्रमिक संघों द्वारा बुलाया गया बंद का व्यापक असर रहा। दार्जिलिंग, कार्सियांग, मिरिक, सोनादा क्षेत्र में व्यापक असर देखा गया। बैंक, पोस्ट ऑफिस, शैक्षणिक संस्थान आदि बंद रहे। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे का परिचालन भी बंद रहा। पहाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेड यूनियन सदस्यों के साथ राजनैतिक दल भी पिकेटिंग में शामिल हुए। बोनस पर सिलीगुड़ी में आहुत त्रिपक्षीय वार्ता के फलरहित रहने के बाद पहाड़ में बंद बुलाया गया था। बागान श्रमिकों के समर्थन में अनेक संस्थाएँ सामने आकर उन्हें नैतिक समर्थन दिया। वहीं बंद बुलाने वाले श्रमिक संगठनों ने आज की बंद को पूरी तरह सफल बताया।
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