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जीवन को कैसे बदल देगा AI

जीवन को कैसे बदल देगा AI

अगले 10 सालों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अर्थात् (Artificial Intelligence) हमारे दैनिक जीवन को कैसे बदल देगा ! यद्यपि यह एक प्राक्कल्पनात्मक सवाल है, लेकिन नित्य बदलते कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दुनिया में यह सवाल आवश्यक बन कर सामने आया है।


मोबाईल, कम्प्यूटर आदि के क्षेत्र में यह व्यक्तिगत सहायक बन कर अनेक कार्य करता है। भविष्य में AI-संचालित वर्चुअल असिस्टेंट दैनिक दिनचर्या में और भी अधिक एकीकृत हो जाएँगे। वे शेड्यूल प्रबंधित करने, स्वास्थ्य और फिटनेस योजनाओं को अनुकूलित करने से लेकर व्यक्तिगत शिक्षण अनुशंसाएँ प्रदान करने तक सब कुछ संभालेंगे।

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यह नियमित कार्यों का स्वचालन करेगा। फिलहाल के स्वचालन स्मार्ट घरों से आगे बढ़कर कार्यस्थलों और घरेलू सेटिंग्स में दोहराए जाने वाले कार्यों को संभालेगा। AI सिस्टम ग्राहक सेवा, व्यक्तिगत कामों (जैसे, खरीदारी या बुकिंग) और यहाँ तक कि सामग्री निर्माण जैसे कुछ रचनात्मक कार्यों को भी स्वचालित करेगा।

स्वास्थ्य सेवा में उन्नति: AI व्यक्तिगत चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बीमारियों के प्रकट होने से पहले उनका पूर्वानुमान लगाएगा और व्यक्तिगत आनुवंशिक प्रोफ़ाइल और चिकित्सा इतिहास के आधार पर निदान और उपचार योजनाओं में सहायता करेगा।

परिवहन और स्मार्ट शहर के अवधारणा को यह पूरी तरह बदल कर रख देगा। स्वायत्त यह स्वचलित वाहन संभवतः मुख्यधारा में होंगे, यातायात दुर्घटनाओं को कम करेंगे और शहरी जीवन को बदल देंगे। AI-संचालित स्मार्ट शहर संसाधनों, यातायात प्रबंधन और ऊर्जा उपयोग को अनुकूलित करेंगे, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

शिक्षण और प्रशिक्षण को यह पूरी तरह संभाल लेगा। AI अनुकूलित (कस्मोटाईज) शिक्षण अनुभव प्रदान करेगा, जिससे छात्रों को AI-संचालित ट्यूटर्स के साथ अपनी गति से सीखने में मदद मिलेगी। शैक्षिक प्लेटफ़ॉर्म व्यक्तिगत ज़रूरतों के आधार पर सामग्री को तेज़ी से तैयार करेंगे, जिससे शिक्षा की पहुँच और जुड़ाव बढ़ेगा।

रोज़गार और काम के भविष्य में क्रांतिकारी परिवर्तन आएँगे। कई प्रशासनिक और कम कौशल वाली नौकरियाँ स्वचालित हो सकती हैं। दूसरी तरफ, AI तकनीक, AI विकास और डेटा विज्ञान में नए रोज़गार के अवसर पैदा करेगा। लोगों को प्रासंगिक बने रहने के लिए संभवतः कौशल को फिर से सीखने और कौशल बढ़ाने की ज़रूरत होगी।

मनोरंजन और रचनात्मकता की दुनिया बदल जाएगी। AI मीडिया के उपभोग और निर्माण के तरीके को बदल देगा, जिसमें AI-जनरेटेड सामग्री, कला, संगीत और व्यक्तिगत अनुशंसाएँ अधिक प्रचलित होंगी।

यह सवाल मौजू बन कर सामने आया है कि क्या आईटी और कृत्रिम बुद्धिमता से गैर वाकिफ वाले लोग पीछे छूट जाएँगे?

इसका जवाब कमोबेश हाँ में ही दिया जा सकता है। आज की बनिस्पत डिजिटल डिवाइड का जोखिम बढ़ जाएगा। AI से अपरिचित लोगों को बढ़ते डिजिटल डिवाइड का सामना करना पड़ सकता है और वे कई मामलों में पिछड़ जा सकते हैं। जिस तरह आज आधुनिक नौकरी बाज़ार में आगे बढ़ने के लिए तकनीकी कौशल महत्वपूर्ण हैं, उसी तरह भविष्य में AI साक्षरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो सकती है। जो व्यक्ति AI से जुड़ने में विफल रहते हैं, वे खुद को रोज़गार, शिक्षा और दैनिक जीवन में वंचित श्रेणी में पा सकते हैं।

अंतर को पाटने के प्रयास: हालाँकि, सरकारें, कंपनियाँ और शिक्षक इस जोखिम के बारे में तेज़ी से जागरूक हो रहे हैं। शिक्षा कार्यक्रमों और उपयोग में आसान एआई-संचालित उपकरणों के माध्यम से एआई साक्षरता में सुधार के लिए कई पहल चल रही हैं, जिसका उद्देश्य एआई को सभी के लिए सुलभ बनाना है। लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जैसे-जैसे एआई विकसित होता है, यह समाज के व्यापक स्पेक्ट्रम को लाभ पहुंचाता है, न कि केवल तकनीक-प्रेमी को। संक्षेप में, एआई दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को मौलिक रूप से बदल देगा, दक्षता, वैयक्तिकरण और नवाचार प्रदान करेगा। हालाँकि, समावेशिता सुनिश्चित करना एक चुनौती होगी, और एआई तकनीक से कम परिचित लोगों के लिए अंतर को पाटने के लिए कदम उठाने होंगे। नेह।

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