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सुभद्रा योजना

सुभद्रा योजना

सुभद्रा योजना ओडिशा सरकार की एक योजना है, जिसके तहत 21 से 60 साल की उम्र की योग्य महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि हर साल दो किस्तों में महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 74वें जन्मदिन पर 17 सितंबर को इस योजना की शुरुआत की।

कौन पात्र हैं?

इस योजना का नाम देवी सुभद्रा के नाम पर रखा गया है, जो भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन हैं। भगवान जगन्नाथ को उनके बड़े भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ दर्शाया जाता है। 2028-29 तक, इस योजना के तहत 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये की मदद मिलेगी। यह राशि 5,000 रुपये की दो किस्तों में राखी पूर्णिमा (रक्षा बंधन) और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर दी जाएगी। अभी तक 50 लाख से ज्यादा महिलाओं ने इसके लिए पंजीकरण करा लिया है।  

योजना कैसे काम करेगी?

यह पैसा सीधे लाभार्थी के आधार लिंक बैंक खाते में जमा किया जाएगा, और इसके लिए ई-केवाईसी जरूरी है। लाभार्थियों को सुभद्रा डेबिट कार्ड भी मिलेगा। जिन महिलाओं का डिजिटल लेनदेन सबसे ज्यादा होगा, उन्हें 500 रुपये का अतिरिक्त इनाम दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम महिलाएं, सरकारी कर्मचारी और आयकरदाता इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। जो महिलाएं पहले से किसी सरकारी योजना के तहत 1,500 रुपये से ज्यादा की मदद ले रही हैं, वे भी इसका लाभ नहीं ले पाएंगी। इस योजना के लिए कोई अंतिम पंजीकरण तिथि नहीं है। सभी योग्य महिलाओं का पंजीकरण पूरा होने तक प्रक्रिया जारी रहेगी।  

योजना का बजट

सरकार ने 2024-25 से 2028-29 तक के पांच सालों के लिए इस योजना का बजट 55,825 करोड़ रुपये तय किया है। इस साल (2024-25) के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना भाजपा के चुनावी वादों में से एक थी, जिसके तहत पार्टी ने वादा किया था कि महिलाओं को 50,000 रुपये का वाउचर दिया जाएगा, जिसे दो साल में भुनाया जा सकेगा।

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