दाना चक्रवात से हो सकती है हवा की गति 120 किमी
भारत मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) के अनुसार बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य पर बना एक मौसमी दबाव बढ़कर गहरे दबाव में बदल गया है, जो ओडिशा के पारादीप से 690 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित था। यह पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप से 740 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और बांग्लादेश के खेपुपारा से 710 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित थी।
विभाग के अनुसार तूफान एक गंभीर चक्रवात में बदल सकता है और 25 तारीख की सुबह-सुबह पश्चिम बंगाल के तटीय हिस्सों और उड़िसा के पश्चिम बंगाल से सटे तटीय क्षेत्रों में दस्तक दे सकता है। हवा की गति 120 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। भारी बारिश के कारण पूर्वी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24वें परगना और कोलकाता भी प्रभावित हो सकते हैं।
इस चक्रवात को दाना नाम दिया गया है। मौसम विभाग इस पर गहरी नज़र रख रहा है और इस पर अपडेट ट्रैक जारी किया है। राष्ट्रीय बुलेटिन संख्या 4 के अनुसार, पिछले छह घंटों के दौरान 7 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ते हुए, दबाव बढ़कर गहरे दबाव में बदल गया है।
बुलेटिन के अनुसार, इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और 23 अक्टूबर 2024 तक पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके बाद, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखते हुए, यह 24 अक्टूबर की सुबह तक उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और उसी रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तर पूर्वी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर सकता है, एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में 100-110 किमी प्रति घंटे की हवा की गति के साथ 120 किमी प्रति घंटे तक की गति से आगे बढ़ सकता है।
पश्चिम बंगाल में संभावित चक्रवात से निपटने के लिए बंगाल सरकार, कोलकाता नगर निगम और कई अन्य निकायों ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए राज्य के सात जिलों के निवासियों को घर के अंदर रहने और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
अनुमान लगाया गया है कि चक्रवात दाना बालेश्वर और धामरा बंदरगाह के पास ओडिशा तट पर दस्तक देने वाला है, फिर यह पश्चिम बंगाल से दूर उड़िसा की ओर मुड़ जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस के वेबसाईट के अनुसार उड़िसा सरकार ने दाना से निपटने के लिए 6 आईएएस अधिकारी बुलाए गए। इसके अलावा ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की लगभग 20 टीमें और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 10 टीमें पहले ही तैनात कर दी हैं। डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों में वापस बुला लिया गया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने जिला अधिकारियों को डायरिया और एंटी-वेनम इंजेक्शन सहित दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के आग्रह के एक दिन बाद ही पर्यटकों और तीर्थयात्रियों ने प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटन शहर पुरी छोड़ना शुरू कर दिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने दो दिनों के लिए सभी स्मारकों और संग्रहालयों को बंद करने की घोषणा की है। उड़िसा तटीय क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनें भी इस बीच या तो रद्द कर दी गई है या उसका रास्ता बदल दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि उड़िसा के समुद्र तटीय क्षेत्र में सन् 1999 में आया चक्रवात अब तक का सबसे शक्तिशाली चक्रवात था, ज़मीन पर आने के समय इसकी अनुमानित अधिकतम सतही हवा की गति 140 नॉट थी। चक्रवात ने भारी से लेकर अत्यधिक नुकसान पहुँचाया था, 10,000 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली थी। उसने बुनियादी ढाँचे को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया, घरों को तहस-नहस कर दिया, पेड़ों को उखाड़ दिया और फसल के खेतों को जलमग्न कर दिया था। चक्रवातों से होने वाले भारी जन-धन की क्षति को देखते हुए इससे निपटने के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है। आम जनता को भी सरकार के साथ सहयोग करना होता है।
विशेषज्ञ ने स्थिति पर स्पष्टता जारी करते हुए कहा है कि यह वर्तमान स्थिति है, लेकिन जैसा कि हमने पहले कई चक्रवातों के मामले में देखा है, ट्रैक अक्सर कई कारणों से बदल जाता है। अगर लैंडफ़ॉल पॉइंट और ट्रैक पश्चिम बंगाल के नज़दीक आता है, तो निश्चित रूप से इसका असर ज़्यादा होगा।
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