बच्चियों को लालच देकर सुपरिटेंडेंट करता था रेप
एनजीओ के आड़ में झारखंड के पलामू बालिका गृह की बच्चियों को लालच देकर सुपरिटेंडेंट करता था रेप। सुरक्षा और देखभाल की आड़ में बच्चियों का यौन शोषण चल रहा था। प्रशासन ने एसडीएम की अगुवाई में यौन शोषण की जांच की और उसकी रिपोर्ट को डिस्ट्रिक कमिशनर को सौंप दी गई है। डीसी ने रिपोर्ट की प्राप्ति के बाद कहा है- CWC (बाल कल्याण समिति) को बर्खास्त किया जाएगा। प्रोटेक्शन ऑफिसर इंस्टीट्यूटनल केयर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। SDM की जांच रिपोर्ट में कई हैरान कर देने वाली बातें सामने आई है।
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, महिला काउंसलर की मिलीभगत से एनजीओ का संचालक और बालिका गृह का सुपरिटेंडेंट पिछले 3 साल से कमसीन बच्चियों का यौन शोषण कर रहा था।
बच्चियों को लालच देकर सुपरिटेंडेंट करता था रेप – वह समाज के कमजोर तबके की लड़कियों को बढ़िया खाना और महंगे पोशाक का लालच देकर भरमाता था। फिलहाल पुलिस ने सुपरिटेंडेंट 72 वर्षीय रामप्रताप गुप्ता और महिला काउंसलर प्रियंका कुमारी (26) को गिरफ्तार कर लिया है। बालिका गृह के बच्चियों की सुरक्षा के मद्देनज़र उन्हें अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। जाँच में आई तथ्य के अनुसार आरोपी सुपरिटेंडेंट राम प्रताप गुप्ता की पत्नी बीमार रहती है और वह अपनी पत्नी की सेवा के नाम पर बच्चियों को वह अपने घर ले जाता था।
बच्चियों को नए कपड़े, अच्छा खाना देने का लालच देता था। उसके बाद हवस का शिकार बनाता था। जबकि, बच्चियां उसे दादा कहकर बुलाती थी। बच्चियां जब इस घटना की शिकायत महिला काउंसलर प्रियंका से करती थी तो वो डांट फटकार कर चुप करा देती थी। कई बार तो प्रियंका ही बच्चियों को राम प्रताप के घर पहुंचाती थी। बीते तीन साल से बच्चियों का शोषण चल रहा था। सूत्रों के अनुसार, पीड़ित बच्चियों से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि सुपरिटेंडेंट ने कई बच्चियों को अपने हवस का शिकार बनाया है। 18 साल उम्र हो जाने पर भी लड़कियों पर दबाव डालता था।
यौन शोषण का राज 29 नवंबर को मानवाधिकार संगठन की टीम की पलामू अध्यक्ष संध्या सिंह के नेतृत्व में बालिका गृह की गई व्यवस्था निरीक्षण के समय खुला। निरीक्षण के दौरान टीम को कुछ बच्चियों ने अपनी पीड़ा सुनाई। उन्होंने बताया कि राम प्रताप गुप्ता बालिका गृह के पास ही बैंक कॉलोनी में रहता है। संध्या सिंह को एक बच्ची ने बताया कि दिवाली और छठ के बीच गुप्ता उसे दो बार अपने घर ले गया। वहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। कुछ अन्य बच्चियों ने भी संचालक पर इसी तरह का आरोप लगाया।
बच्चियों द्वारा बताए जाने के बाद मानवाधिकार संगठन ने पुलिस से इसकी शिकायत की। पुलिस 30 नवंबर को बालिका गृह पहुंची और करीब 6 घंटे तक जांच की। फिर आरोप सही मिलने के बाद पुलिस ने सुपरिटेंडेंट और बालिका गृह की महिला काउंसलर को गिरफ्तार कर लिया। जाँच के अनुसार आरोपी बच्चियों को लालच देकर सुपरिटेंडेंट करता था रेप । एएसपी राकेश सिंह ने बताया कि बच्चियों के शोषण की बात सही पाई गई है। महिला थाना में पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए सुपरिटेंडेंट राम प्रताप गुप्ता और महिला काउंसलर प्रियंका कुमारी (26) को जेल भेज दिया गया है। खबरों के अनुसार सदर एसडीएम सुलोचना मीणा की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमिटी की जांच रिपोर्ट में CWC की काफी लापरवाही सामने आई है। वो रामप्रताप गुप्ता के NGO विकास इंटरनेशनल के भरोसे ही बालिका गृह को चलवा रहे थे।
प्रशासन के अनुसार इस मामले की जाँच गहराई से की जा रही है। CWC को भंग कर दिया गया है। इसे समय–समय पर बच्चियों की काउंसलिंग करनी होती है, पर ऐसा नहीं हो रहा था। मामले के खुलासे के बाद बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ विकास इंटरनेशनल को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। बच्चियों की फोटो दूसरों को भेजने की आशंका भी की गई है। इसके लिए सुपरिटेंडेंट रामप्रताप गुप्ता और काउंसलर प्रियांका कुमारी के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच होगी। बच्चियों की तस्वीर खींचकर किसी अन्य व्यक्ति को फोटो भेजे जाने की आशंका है। पुलिस आरोपी सुपरिटेंडेंट व काउंसलर के मोबाइल से किसने बात की और जो फोटो-वीडियो भेजा गया है, उसकी जानकारी जुटा रही है। फिलहाल बच्चियों से देह व्यापार कराने की बात से अधिकारी इनकार कर रहे हैं। लेकिन इस तथ्य पर जाँच पुख्ता है कि बच्चियों को लालच देकर सुपरिटेंडेंट करता था रेप।
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